जय जय भवानी अंबिके करणी Jai Jai Bhawani Ambike Lyrics

जय जय भवानी अंबिके करणी

Jai Jai Bhawani Ambike Lyrics


Jay jay bhawani ambike


जय जय भवानी अंबिके करणी यह रचना चारण समाज के नवजागरण के पुरोधा समाज सुधारक एवं क्रांतिकारी चिन्तक ठा. केसरी सिंह बारहट द्वारा रचित है। 

यह रचना छात्र समूह में अत्यधिक प्रसिद्ध है ओर इस का पाठ करने से एक नवीन ऊर्जा  का संचार हो जाता है। 


जय जय भवानी अम्बिके, करणी तुम्हारी शरण हम ।।टेर।।

बहुत सोये गाढ निद्रा, चाहते जागरण हम।

स्वातंत्र्य की तूं महासागर, तेरेही हैं निर्झरण हम।।1।।

जय जय भवानी……………….


क्षात्र बल का उद्धरण मां, तूने किया अनुसरण हम।

परमार्थ मे बलिदान अपना, कर सिखा दे मरण हम।।2।।

जय जय भवानी……………….


संतान सच्चे अभय हों, तेरे ही तारण तरण हम।

सामर्थ्य दो मां कर सकें, यह सिद्ध चारण वरण हम।।3।।

जय जय भवानी……………….


वाहन तुम्हारा केहरी, वर मांगता अशरण शरण।

हे असुर मर्दिनी चंडिके, भूलें न तेरे चरण हम।।4।।

जय जय भवानी……………….


जय जय भवानी अंबिके करणी

Jai Jai Bhawani Ambike Lyrics

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