कुलदेवी क्या है Kuldevi Kya Hoti Hai What Is Kuldevi In Hindi

भारत में विभिन्न समाज , जाती, समुदाय के लोग रहते है हर समुदाय की एक कुलदेवी होती है आज हम जानेंगे की कुलदेवी क्या होती है और हमें अपनी कुलदेवी के बारे में जानकारी रखना क्यों बहुत जरूरी है ।
तो आज हम जानेंगे की -


कुलदेवी क्या है ?

Kuldevi Kya Hai Or Hm Kuldevi Ki Pooja Kyu Karte Hai ?


हर भारतीय जाती या समुदाय किसी ना किसी ऋषि का वंशज होता है या अग्निकुल, सर्यकुल अथवा चंद्रकुल से संबंधित होता है, उस कुल की रक्षा करने के लिए आदिकाल से एक कुलदेवी होती है जो उस कुल की हमेशा रक्षा करती है और कुल को उन्नति प्रदान करती है जो किसी भी कुल की पहचान होती है , हजारों सालों से हम हमारी कुलदेवी की पूजा करते आए है।


Kuldevi kya hai in hindi

जन्म, विवाह, गृहप्रवेश या कोई भी सुभकर्य अथवा हवन में भी एक आहुति हमारी कुलदेवी के नाम की भी होती है इस से हम यह समझ सकते है कि हमारे लिए कुलदेवी बहुत ज्यादा जरूरी होती है।
कुलदेवी किसी भी वंश की प्रथम रक्षक देवी होती है यह उस वंश की प्रथम पूजा के मूल अधिकारी होते है।
हमारे घर में हर शुभ कार्य को शुरू करने से पहले कुलदेवी को याद करना और मानना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है।
कुलदेवी का अपमान हमारे पूर्वजों का अपमान भी होता है।

आधुनिक समय में आज की पीढ़ी के युवा और अन्य लोग भी खासकर वो लोग जो अपने मूल स्थान से और कन्ही रहते है वो मूलतः आधुनिकता के नाम पर अपनी कुलदेवी को भूल चुके है , यह हमेशा याद रखें कि अगर आप अपनी कुलदेवी को नहीं मानते है अपनी कुलदेवी को नहीं याद करते है तो हर पूजा पाठ विफल होता है।

आज की युवा पीढ़ी इंटरनेट की पीढ़ी है वो लोग Google और Wikipedia पर हमारी कुलदेवी के बारे में जानकारी लेते है जहां जानकारी अपूर्ण और विश्वसनीय नहीं होती है। 

हजारों वर्षों से अपने कुल को संगठित करने और उसके इतिहास को संरक्षित करने के लिए और अपने कुल की रक्षा करने के लिए तथा समय के साथ लोग अलग नहीं हो जाएं, लोग आपस में जुड़े रहें, अपनी संस्कृति विशेष से जुड़े रहें इस लिए कुलदेवी माता की स्थापना की जाती थी जो उस कुल की रक्षक देवी होती थी।

आदिकाल में जब भी युद्ध , महामारी, अकाल , दुर्भिक्ष , की वजह से पलायन हुए है तो लोग अपनी कुलदेवी को साथ लेकर जाते थे और नए स्थान पर कुलदेवी की स्थापना करते थे, वो उस वंश की पहचान होती थी।

प्राचीन समय में एक राज्य पर दूसरे राज्य का आक्रमण हो जाता था या कब्जा हो जाता था तो लोग अपनी कुलदेवी माता को साथ में ले जाते थे और यदि नया राज्य भी स्थापित करते थे तो भी कुलदेवी मा वहीं रहते थे।

उदाहरण के लिए राठौड़ वंश की कुलदेवी श्री नागणेची माता जी जो कि कनौज की राष्ट्रकूट वंश की कुलदेवी है, जब राष्ट्रकूट वंश के राजपूत कानौज छोड़ कर जोधपुर मारवाड़ पर अपना अधिकार किया तो वह वन्हा से अपनी कुलदेवी भी लेकर आए और अपनी कुलदेवी की स्थापना नागाणा में की।


कुलदेवी की पूजा वर्तमान में हमें हमारे कुल के सभी लोगो को जान ने का उनसे मिलने का मौका भी देती है इस से हम हमारे वंश के बारे में जान पाते है और हमारे पूर्वजों के गौरव को जान पाते है। उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति का गोत्र भारद्वाज है तो वह भारद्वाज ऋषि की संतान है। इस प्रकार हमें भारद्वाज गोत्र के लोग सभी जाति और समाज में मिल जाएंगे।

वर्तमान समय में लोग अपनी कुलदेवी को भूल चुके है और आज के युवा तो अपनी कुलदेवी के बारे में जानते ही नहीं है अगर आप ज्यादा समय तक अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना नहीं करते हो तो यह आपके लिए और अपने परिवार के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होने वाला है, अधिक समय कुलदेवी को नहीं मानने से आपके परिवार में ग्रह कलेश , वंश वृद्धि में रोक , कुल विनाश , कुल की समृद्धि में हानि होने लग जाएगी।

अतः अपने से बड़े अपने पूर्वजों के पास बैठो, अपने समाज के, कुल के अन्य लोगों के साथ बातचीत करके पता करो अपने कुल की कुलदेवी कों है और उसे मनाओ, अगर आपके पिताजी और दादाजी ने भी कुलदेवी को नहीं पूजा किया है तो भी देर नहीं हुई है , आप अपनी कुलदेवी को खुश करों।

हमने यह website सभी कुल की कुलदेवियों के बारे में जानकारी देने के लिए ही बनाई है अगर आपको अपनी कुलदेवी के बारे में जानकारी चाहिए तो जरूर बताएं और अगर आपको अपने कुलदेवी के बारे में पूरी जानकारी है तो जरूर बताएं, आपके नाम के साथ ये जानकारी साझा की जाएगी।

तो दोस्तों आज हमने जाना की कुलदेवी क्या है और कुलदेवी क्या होती है ?
Kuldevi Kya Hai
What Is Kuldevi In Hindi

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और अगर आप भी कुलदेवी मा के भक्त हो तो कमेंट बॉक्स में जय कुलदेवी मा अवश्य लिखें। 

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