सभी मिल सगत्यां नवलख भोग लगाने की आरती
Sabhi Mil Sagatyan Bhog lagane ki aarti
सभी मिल सगत्यां नवलख संग डोकरी जीमो डाढाली।
आसो दाख दुबारो बिस्की, पीवो मद प्याली॥
सुवरणा थाल छतीसों भोजन बैठों बिरदाली॥ 1॥
साट पुलाव सोयतो लीजे माता मत वाली।।
दाब कलेजी और भुजंगो जीमो माँ काली॥ 2॥
घेवर पुड़ी पकवान मिठाई खटरस इक थाली।
आप आरोगो मात ईश्वरी चण्डी चिरताली॥ 3॥
रिद्धि-सिद्धि चंवर करे निज कर सू आनन्द उजियाली।
कंचन कलश गंगाजल भरियो, पीवो प्रतिपाली॥ 4॥
ढोल नगारा नोवत झालर बाज रही टाली।
मेहाई जब मात अरोगे, बीस भुजा वाली॥ 5॥
अम्बादान चण्डी तेरो चेरो माँ धावल वाली।
काट कलेश दुःखहर रारिद कर सम्पत्ति साली॥ 6॥
भोग लगाने की आरती सभी मिल सगत्यां नवलख
Bhog Lagane ki Aarati Karani Mata
Sabhi Mil Sagatyan Navlakh
1 टिप्पणियाँ
Jai karni mata
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