Tilinga Mandir In Hindi
तिलिंगा मंदिर तिनसुकिया बेल टेंपल
हमारे देश भारत में अनेक प्रसिद्ध मंदिर है और उनके वैभव और प्रसिद्धि का कारण अलग अलग है। इसी तरह से भगवान शिव को समर्पित तिलिंगा मंदिर ऊपरी आसाम का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इसके चारों तरफ लगी घंटियों के आकार के कारण इसे घंटियों वाला मंदिर भी कहते है। यह घंटियां बरगद के पेड़ पर अलग अलग आकार ओर अलग अलग धातु की है ओर बरगद के पेड़ की शाखाओं से बंधी हुई है।
Tilinga Mandir History In Hindi
तिलिंगा मंदिर तिनसुकिया का इतिहास
असमिया में तिलिंगा का अर्थ है "घंटी" और मंदिर का अर्थ है "मंदिर"। यह बेल मंदिर किसी भी अन्य मंदिर की तरह आध्यात्मिक और रहस्यमय रूप से मजबूत है। कांस्य, पीतल, तांबा और एल्यूमीनियम में सभी आकारों की सैकड़ों और हजारों घंटियाँ हैं जो बड़े पीपल के पेड़ से और इसकी विभिन्न शाखाओं से बंधी हुई हैं। यहाँ सैकड़ों शिव त्रिशूल आपको यहां वहां बिखरी हुई मिल जाएगी।
यहां ऐसा माना जाता है कि यदि आपकी कोई इच्छा है और आप भगवान शिव से मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं, तो आपकी इच्छा भगवान शिव द्वारा पूरी की जाएगी। आपको केवल इस मंदिर में एक घंटी दान करनी होगी।
मंदिर लगभग आधी सदी पुराना है। "1965 में, इस क्षेत्र के चाय बागान मजदूरों ने देखा कि इस बरगद के पेड़ के पास जमीन से एक 'शिव लिंग' निकला है। हिंदू परंपरा के अनुसार, बरगद के पेड़ों को 'कल्पवृक्ष' माना जाता है तथा इसे दिव्य वृक्ष कहा जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी कोई इच्छा है तो आप कल्प वृक्ष के नीचे प्रार्थना करें, तो आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी तब चाय के बागानों के व्यवस्थापकों ने तब विचार किया कि यहां एक छोटा सा मंदिर बनाया जाना चाहिए।
Essay For Tilinga Mandir In Hindi
शुरू में जब लोग यहां प्रार्थना करने आते थे, तो वह भगवान से प्रार्थना करते थे कि अगर उनकी मनोकामना पूर्ण हुई तो वो लोग यहां वापिस आएंगे ओर अपनी श्रद्धा स्वरूप यहां एक घंटी चढ़ाएंगे। ऐसा लोगों का विश्वास था।
समय के साथ, अधिक से अधिक लोगों को इस बारे में पता चला और इस दिव्य पेड़ की शाखाओं पर घंटियाँ बांधने लगे, और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी ओर इस प्रकार लोगों में इस मंदिर को लेकर जिज्ञासा ओर श्रद्धा बढ़ी।
हम इस मंदिर में घंटियों का सबसे बड़ा संग्रह पाते हैं। यहां 50 ग्राम से लेकर 51 किलोग्राम तक की घंटियां है। इस मंदिर ने घंटियों के सबसे बड़े संग्रह के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई है। कांस्य, पीतल, तांबा और एल्यूमीनियम में सैकड़ों और हजारों घंटियाँ हैं। ये बड़े पीपल या बरगद के पेड़ और इसकी शाखाओं पर बंधे होते हैं।
उनमें से कुछ गिर जाते हैं, लेकिन भक्तो के दिए उपहार को मंदिर प्रबंधन फेंकता नहीं है। मंदिर प्रबंधन उन्हें थैलियों में संग्रहीत करता है और उन्हें मंदिर के परिसर के एक कोने में रखता है।
Bell Temple Talinga In Hindi
कई लोग अपनी मनोकामना पूरी होने पर कबूतरों को भी मंदिर में श्रद्धा के रूप में चढ़ाते हैं। और भक्त इस मंदिर में शिव जी को उनका अस्त्र त्रिशूल भी चढ़ाते है आपको यहां वहां अनेक शिवलिंग पड़े मिल जाएंगे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार "सोमवार" को "भगवान शिव का दिन" माना जाता है और इसलिए हर सोमवार को यहां बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए एकत्रित होते हैं।
यह मंदिर एक शांत प्राकृतिक और सौम्य वातावरण में स्थित है यहां आप शांति ओर शुकून का अनुभव करेंगे। यहां कोई लाउड स्पीकर ना कोई ट्रैफिक की समस्या ना ही प्रदूषण है बस एक असीम शांति का अनुभव होता है।
तिलिंगा मंदिर तक कैसे पहुंचे
How To Reach Talinga Temple In Hindi -
एयरोप्लेन द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा मोहनबारी हवाई अड्डा, डिब्रूगढ़ है। वहां से आप निजी कार या बस द्वारा मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा: निकटतम स्टेशन तिनसुकिया शहर स्टेशन है। इसके अलावा आप तिनसुखिया से किसी भी वाहन की सहायता से आप यहां तक आ सकते है।
Tilinga Mandir In Hindi
तिलिंगा मंदिर तिनसुकिया बेल टेंपल
Bell Temple Talinga In Hindi
Essay For Tilinga Mandir In Hindi
0 टिप्पणियाँ